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लाइसेंस से लेकर लोन तक: मेडिकल स्टोर शुरू करने के लिए यहाँ मिलेगी सारी जानकारी

भारत में मेडिकल स्टोर खोलना एक लाभकारी व्यवसाय है, खासकर COVID-19 के बाद, जब दवाइयों की मांग और भी बढ़ गई है। मेडिकल स्टोर व्यवसाय न केवल एक स्थायी और लाभकारी विकल्प है, बल्कि यह समाज की सेवा का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम बन सकता है। यदि आप इस व्यवसाय को शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो यहां कुछ प्रमुख जानकारी दी गई है जो आपके लिए मददगार हो सकती है।

1. मेडिकल स्टोर का प्रकार चुनें

मेडिकल स्टोर खोलने से पहले आपको यह तय करना होगा कि आप किस प्रकार का स्टोर खोलना चाहते हैं। इसके प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

अस्पताल मेडिकल स्टोर: ये स्टोर अस्पताल परिसर के अंदर होते हैं और मरीजों को चिकित्सा सामग्री प्रदान करते हैं।
स्टैंडअलोन मेडिकल स्टोर: ये आवासीय क्षेत्रों में सामान्य फार्मेसी के रूप में मौजूद होते हैं।
चेन फार्मेसी या फ्रैंचाइज़ आउटलेट: ये शॉपिंग मॉल या अस्पतालों के आसपास फ्रैंचाइज़ी सेटअप के रूप में स्थापित होते हैं।
टाउनशिप मेडिकल स्टोर: ये स्टोर विशेष रूप से टाउनशिप क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थापित किए जाते हैं।
सरकारी परिसर में मेडिकल स्टोर: ये सरकारी संस्थानों या कार्यालयों के निकट होते हैं और आम जनता के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों को भी सेवाएं प्रदान करते हैं।

2. मेडिकल स्टोर शुरू करने के लिए पात्रता और आवश्यकताएँ

मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आपको सबसे पहले फ़ार्मेसी लाइसेंस की जरूरत होगी। फ़ार्मेसी लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदक को फार्मेसी में डिग्री (B. Pharm या M. Pharm) प्राप्त करनी होगी, या किसी योग्य फ़ार्मासिस्ट को अपने स्टोर के लिए नियुक्त करना होगा। इसके अतिरिक्त, आपको भूमि पंजीकरण और व्यवसाय पंजीकरण जैसे कानूनी दस्तावेज़ भी तैयार करने होंगे।

फार्मेसी लाइसेंस प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

निर्धारित प्रारूप में फार्मेसी लाइसेंस आवेदन।
परिसर का स्वामित्व प्रमाण या किराए का विलेख।
योग्य फ़ार्मासिस्ट का शपथपत्र।
ड्रग लाइसेंस के लिए आवेदन।

3. मेडिकल स्टोर के लिए आवश्यक लाइसेंस

मेडिकल स्टोर चलाने के लिए दो प्रमुख प्रकार के ड्रग लाइसेंस की आवश्यकता होती है:

खुदरा दवा लाइसेंस: यह लाइसेंस सामान्य केमिस्ट स्टोर के लिए आवश्यक होता है, जहां व्यक्ति सीधे ग्राहकों को दवाएं बेचता है।
थोक दवा लाइसेंस: यह उन लोगों के लिए है जो दवाइयों की थोक में आपूर्ति या बिक्री करते हैं। खुदरा लाइसेंस की तरह, इसमें अधिक प्रतिबंध नहीं होते हैं, लेकिन नियमों का पालन करना आवश्यक होता है।

4. मेडिकल स्टोर के लिए ऋण और वित्तीय सहायता

यदि आप अपने मेडिकल स्टोर के लिए बिजनेस लोन लेना चाहते हैं, तो आपको निम्नलिखित पात्रता मानदंड पूरे करने होंगे:

भारतीय नागरिकता।
आपकी उम्र 25 से 66 साल के बीच होनी चाहिए।
आपके पास 3 वर्ष का व्यवसायिक अनुभव होना चाहिए।
मेडिकल स्टोर के लिए ऋण प्राप्त करने के लिए आपको निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

व्यवसाय पंजीकरण प्रमाणपत्र।
पैन कार्ड और आधार कार्ड।
जीएसटी पंजीकरण।

5. मेडिकल स्टोर के लिए कर पंजीकरण

मेडिकल स्टोर चलाने के लिए आपको GST (माल और सेवा कर) पंजीकरण की आवश्यकता होगी। यदि आपके स्टोर का वार्षिक टर्नओवर 20 लाख रुपये से अधिक है, तो जीएसटी अनिवार्य होता है। नॉर्थ ईस्ट और पहाड़ी राज्यों के लिए यह सीमा 10 लाख रुपये है।

6. मेडिकल स्टोर खोलने के फायदे और चुनौतियां

मेडिकल स्टोर एक स्थायी और लाभकारी व्यवसाय हो सकता है, क्योंकि दवाइयों की मांग हर समय बनी रहती है। इसके अलावा, फ़ार्मेसी व्यवसाय एक तेज़ी से बढ़ता हुआ उद्योग है, जो 2060 तक 754% तक बढ़ने की संभावना रखता है। हालांकि, इसके लिए सही दस्तावेज़ीकरण, लाइसेंस और पंजीकरण की आवश्यकता होती है, जो इस व्यवसाय को कानूनी रूप से सुरक्षित बनाते हैं।

मेडिकल स्टोर खोलना एक अच्छा व्यवसायिक निर्णय हो सकता है, खासकर यदि आप सही दस्तावेज़ों और लाइसेंस की जानकारी रखते हैं। फ़ार्मेसी व्यवसाय में प्रवेश करने के लिए आपके पास फ़ार्मेसी की डिग्री होनी चाहिए, और आपको सभी सरकारी नियमों का पालन करना होगा।

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Mr Rax

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